16 April, 2024
संपत्ति कि धोखाधड़ी को रोकने के लिए आधार सिडिंग का किया जायेगा प्रावधान

घर बैठे संपत्ति की रजिस्ट्री की सुविधा जल्दी उपलब्ध, धोखाधड़ी को रोकने के लिए आधार सिडिंग का प्रावधान

उत्तराखंड सरकार: भूमि और संपत्ति की खरीद में धांधली और धोखाधड़ी को रोकने के लिए सरकार ने पंजीकरण प्रक्रिया में आधार सिडिंग का प्रावधान किया है।

भूमि, भवन और अन्य संपत्तियों की रजिस्ट्री में बदलाव करने के लिए सरकार एक महीने के भीतर आधार सिडिंग का प्रयास करेगी। इस नए प्रणाली में चेहरे, उंगलियाँ और आंखों के माध्यम से पहचान करने के विकल्प दिए जाएंगे, जिससे जाली आईडेंटिटी की चिंताओं को खत्म किया जा सकेगा।

भूमि और संपत्ति की खरीद में धांधली और धोखाधड़ी को रोकने के लिए सरकार ने पंजीकरण प्रक्रिया में आधार सिडिंग का प्रावधान किया है। अगले छह महीने में वृद्ध, दिव्यांग, महिलाएं और विशेष वर्ग के लोगों को घर से ही भूमि और संपत्ति की ऑनलाइन रजिस्ट्री कराने की सुविधा मिलेगी।

राज्य सरकार ने वर्चुअल रजिस्ट्रेशन और आधार सिडिंग की व्यवस्था को सुनिश्चित करने के लिए केंद्रीय इलेक्ट्रानिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय और भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) को प्रस्ताव भेजे हैं। वित्त विभाग के अपर सचिव (वित्त) और महानिरीक्षक स्टाम्प एवं निबंधन डॉ. अहमद इकबाल के मुताबिक, मंगलवार को मुख्यमंत्री व वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के समक्ष वित्त विभाग की ओर से इन दोनों प्रस्तावों का प्रस्तुतिकरण भी दिया जा चुका है।

एक महीने में यूआईडीएआई से अनुमति प्राप्त करने के बाद, भूमि, भवन और अन्य संपत्तियों की रजिस्ट्री चेहरे, उंगलियों और आंखों से पहचान करने के विकल्प के आधार पर होगी। इससे फर्जी आधार की चिंताएं समाप्त हो जाएंगी। अब तीसरे व्यक्ति द्वारा फर्जी ढंग से रजिस्ट्री कराना संभव नहीं होगा। इसके अलावा, गवाह की आधार डेटा जांच भी संभव होगी।

नियमों में आवश्यक प्रावधान

घर से बैठे भूमि रजिस्ट्री कराने की सुविधा को छह महीने के अंदर उपलब्ध कराया जाएगा। इसके लिए, विभाग को पहले नियमों में आवश्यक प्रावधान करना होगा। इस प्रक्रिया में समय लगेगा। रजिस्ट्रेशन सॉफ्टवेयर में भूमि संबंधी अभिलेखों को ऑनलाइन अपलोड करने की सुविधा होगी।

चरणबद्ध ढंग से आगे बढ़ेगी योजना

सरकार द्वारा ऑनलाइन रजिस्ट्री की सुविधा को सबसे पहले बुजुर्गों, दिव्यांगों और महिलाओं को दी जाएगी। चरणबद्ध ढंग से आगे बढ़ेगी योजना। रजिस्ट्रेशन के लिए एक एप्लीकेशन उपलब्ध होगी। व्यक्ति वीडियो कॉल के माध्यम से रजिस्ट्रार के सामने अपनी प्रस्तुति करके रजिस्ट्री की प्रक्रिया पूरी कर सकेगा। वकील और पक्षकार भी ऑनलाइन दस्तावेज़ों को प्रस्तुत कर सकेंगे।

भूमि, भवन, और संपत्तियों की आधार सिडिंग और ऑनलाइन रजिस्ट्री की सुविधा जल्द ही शुरू की जाएगी। इसके लिए प्रस्ताव तैयार किए गए हैं। इससे लोगों को सुविधा के साथ-साथ प्रक्रिया में पारदर्शिता भी मिलेगी।

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