अंगूर, दुनिया मे सबसे लोकप्रिय और व्यापक रूप से खेती और खपत वाले रसीले फलों मे शामिल है, जिसमे ना तो गुठली होती है ना ही कड़ा छीलका। अंगूर का वानस्पतिक नाम वाइटिस विनिफेरा है जो कि वाइटेसी कुल से संबंधित है। अंगूर की उत्पत्ति यूरोप से मानी जाती है। भारत मे अंगूर को अलग-अलग नामो से जाना जाता है। अंग्रेजी मे ग्रेप्स, संस्कृत मे मधुरसा, मलयालम मे गोसतनी, बंगाली मे मनेका, तमिल मे कोडीमुंदरी, गुजरात मे दराख, कन्नड़ मे द्राक्षा, उड़ीसा मे गोसतोनी नामो से जाना जाता है।
प्रत्येक 100 ग्राम अंगूर में लगभग 85.5 ग्राम पानी, 10.2 ग्राम कार्बोहाइड्रेट्स, 0.8 ग्राम प्रोटीन, 0.1 ग्राम वसा, 0.03 ग्राम कैल्शियम, 0.02 ग्राम फास्फोरस, 0.4 मिलीग्राम आयरन, 50 मिलीग्राम विटामिन-बी, 10 मिलीग्राम विटामिन-सी, 8.4 मिलीग्राम विटामिन-पी, 15 यूनिट विटामिन-ए, 100 से 600 मिलीग्राम टैनिन, 0.41-0.72 ग्राम टार्टरिक अम्ल पाया जाता है।
आयुर्वेद में अंगूर को सेहत का खजाना बताया गया है। अंगूर में अनेक प्रकार के फाइटोकेमिकल्स होते है जैसे फेनोलिक एसिड, स्टिलबेन्स, एंथोसायनिन और प्रोएंथोसायनिडिन तथा फाइबर, विटामिन आदि पाए जाते हैं जो हमारे स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है। अंगूर न केवल स्वादिष्ट होते है बल्कि इसको खाने से अनेक फायदे भी होते है।
- रोगों से लड़ने की क्षमता प्रदान करता है अंगूर: अंगूर मे अनेक पॉलिफिनॉलिक फाइटोकेमिकल्स कंपाउंड पाए जाते है। ये एंटीऑक्सीडेंट्स शरीर को न केवल कैंसर से बल्कि कोरोनरी हार्ट डिजीज, नर्व डिजीज, अल्जाइमर, वायरस एवं फंगल इंफेक्शन से लड़ने की क्षमता प्रदान करती है।
- रक्त की कमी को दूर करने में सहायक: शरीर में रक्त की कमी होने पर अंगूर की एक गिलास जूस मे दो चम्मच शहद घोलकर पीने से रक्त की कमी को दूर किया जा सकता है।
- माइग्रेन मे असरदार हैं अंगूर का सेवन: माइग्रेन सिरदर्द की एक ऐसी स्थिति है जिसमें 1 से 2 दिन तक तेज सिर दर्द बना रहता है। अंगूर का नियमित सेवन से माइग्रेन की समस्या को दूर किया जा सकता है।
- त्वचा एवं आंखों के लिए फायदेमंद है अंगूर: अंगूर मे भरपूर मात्रा मे विटामिन A पाया जाता है। वैज्ञानिकों के अनुसार अंगूर में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट आंखों को नीली रोशनी के हानिकारक प्रभावो से बचाता है। वैज्ञानिकों के शोध अनुसार अंगूर के सेवन से त्वचा मे होने वाले रोगों की समस्या से भी छुटकारा पाया जा सकता है।
- कोलेस्ट्रोल को कंट्रोल करता अंगूर: कोलेस्ट्रॉल से हृदय रोगों की संभावना होती है। इसलिए हमे अपने खान-पान पर विशेष ध्यान देना चाहिए जिससे कोलेस्ट्रॉल की मात्रा मे किसी भी प्रकार का असंतुलन ना होने पाए। अंगूर के सेवन से कोलस्ट्रोल को संतुलित किया जा सकता है। साथ ही साथ हार्ट अटैक के खतरे से भी बचा जा सकता है।
- हड्डियों को मजबूत करता अंगूर: अंगूर मे मौजूद विभिन्न पोषक तत्व हड्डियों को पोषित कर उसे मजबूत व स्वस्थ बनाते है। तांबा, लौह, मैंगनीज जैसे पोषक तत्व हड्डी गठन और उन्हें मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण माने जाते है। अमेरिकन सोसायटी फॉर बोन एंड मिनरल रीसर्च के अनुसार, अंगूर हड्डियों मे कैल्शियम के स्तर मे सुधार लाता है। वैज्ञानिकों के अनुसार ऑस्टियोपोरोसिस के विकास के जोखिम को कम करने और हड्डियों के घनत्व में सुधार लाने के लिए प्रतिदिन अंगूर का अवश्य सेवन करना चाहिए।
- पाचन में सहायक अंगूर: अंगूर और अंगूर का रस दोनो कब्ज के उपचार मे उपयोगी होते है। अंगूर में फाइबर मुख्य रूप से अघुलनशील फाइबर से बना है जो पाचन एंजाइमों के उत्पादन को बढ़ावा देता है। इसके अलावा, यह पाचन की समस्या को कम करता है।
इसके अलावा अंगूर के के नियमित सेवन से डायबिटीज, पेट की बीमारी, अस्थमा, ब्लड प्रेशर, कब्ज, गठिया किडनी, अल्जाइमर आदि रोगों से निजात पाया जा सकता है। हाल ही में हुई एक शोध से सामने आया है कि यदि आप अवसाद से बचना चाहते है तो अंगूर जरूर खाएं। अंगूर खाने से मनोविकार कम होता है। शोधकर्ताओं का कहना है कि भोजन में अंगूर को शामिल करने से मानसिक स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। फल के तौर पर खाने के अलावा अंगूर से किशमिश, मुनक्का, जेम तथा जेली भी बनाया जाता है।
Note – यह लेख हमारे लेखक भरत गिरी गोसाई द्वारा लिखा गया है।