Uttarkashi news: विभिन्न इलाकों में भूस्खलन होने के कारण सड़कों सहित अन्य परिसम्पत्तियों और खेती को काफी नुकसान पहुंचा था।
जिलाधिकारी अभिषेक रुहेला ने क्षेत्रीय विधायक दुर्गेश लाल के साथ मोरी तहसील के नैटवाड़, गुराड़ी क्षेत्र में हिमाचल प्रदेश से सटे आराकोट बंगाण क्षेत्र का भ्रमण कर आपदा प्रभावित ग्रामीणों का हालचाल पूछने के साथ ही राहत एवं पुननिर्माण कार्यों का निरीक्षण किया पिछले दिनों हुई अतिवृष्टि के कारण मोरी तहसील के प्रशासन के द्वारा तत्कालिक रूप से आपदा प्रभावितों को राहत पहुंचाने के लिए सहायता राशि के वितरण और अवरुद्ध सड़कों को खोलने तथा नागरिक सुविधाओं की बहाली पर ध्यान केंद्रित किया था।
जिला प्रशासन ने अब आपदा प्रभावित क्षेत्र में पुनर्निर्माण कार्यों को तेजी से संचालित करने तथा भूस्खलन के प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा और स्थाई उपचार की योजना तैयार करने पर ध्यान केंद्रित किया है।अपने दो दिवसीय दौरे के पहले दिन जिलाधिकारी ने मोरी-सांकरी मोटरमार्ग पर छिबाड़ा खड्ड के निकट सक्रिय हुए भूस्खलन जोन का निरीक्षण कर लोनिवि के अधिकारियों को इसके स्थाई उपचार की योजना प्रस्तुत करने और यातायात को सुचारू बनाये रखने के लिए तत्कालिक तौर पर सभी जरूरी उपाय किए जाने के निर्देश दिए।
जिलाधिकारी ने कहा कि बागवानों को अपने उत्पादों को मंडी तक पंहुचाने में सहूलियत देने के लिए सड़कों को निरंतर खुला रखना प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है। लिहाजा मुख्य मार्गों के साथ ही वैकल्पिक मार्गों को खुला रखने पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा।भ्रमण के दूसरे दिन जिलाधिकारी और विधायक ने आराकोट बंगाण क्षेत्र के मोल्डी बरनाली टिकोची चिंवा आदि जगहों का निरीक्षण करते हुए आपदा से हुए नुकसान का जायजा लिया। इस मौके पर जिलाधिकारी ने मोल्डी में नदी के कटाव के रोकथाम के लिए स्वीकृत बाढ़ सुरक्षा कार्य में देरी करने के लिए सिंचाई विभाग के अधिकारियों को आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत नोटिस जारी करने के निर्देश देते हुए कहा
कि राहत एवं पुनर्निर्माण कार्यों में किसी भी तरह की देरी और गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जिलाधिकारी ने मोल्डी स्लिप जोन का निरीक्षण करते हुए पीएमजीएसवाई के अधिकारियों को यातायात को सुचारू बनाए रखने और भूस्खलन के रोकथाम के बाबत योजना तैयार करने की हिदायत दी। स्लिप जोन में खतरे की संभावना वाले पेड़ों का कटान न किए जाने पर जिलाधिकारी ने गहरी नाराजगी व्यक्त करते हुए
मोल्डी में भूस्खलन का दायरा निरंतर बढ़ते जाने के कारण ग्रामीणों ने यहां पर वैकल्पिक मोटर मार्ग बनाए जाने की मांग की। जिलाधिकारी एवं विधायक ने कहा कि मोल्डी से पहले पावर नदी पर पुल बनाकर इसे किराणु- दुचाणु रोड़ के किमी 3 पर जोड़े जाने के विकल्प पर विचार किया जाएगा।जिलाधिकारी ने इसके लिए अधिकारियों को प्रस्ताव एवं समरेखण तैयार कर तुरंत शासन को स्वीकृति के लिए भेजने की हिदायत दी।जिलाधिकारी ने चिंवा रोड़ पर भटाड़ी में वर्ष 2019 में ध्वस्त हुए पुल का निरीक्षण करते हुए बताया
कि यहाँ पर पुल निर्माण कार्य जल्द प्रारम्भ किया जाएगा। जिसके लिए टेंडर की प्रक्रिया प्रारंभ हो गई है। ग्रामीणों की मांग पर जिलाधिकारी ने कहा कि इस स्थान पर नकदी फसलों के ढुलान हेतु ट्रॉली की स्थापना पर विचार किया जायेगा। ग्रामीणों की शिकायत पर जिलाधिकारी ने नदी में बनाए गए स्कवर के निर्माण की गुणवत्ता जांच कराएं जाने के भी निर्देश दिए।टिकोची में राजकीय इंटर कॉलेज सहित अन्य स्थानों पर अतिवृष्टि ओर भूस्खलन से प्रभावित स्थानों का निरीक्षण करते हुए
जिलाधिकारी ने इंटर कॉलेज के भवन के निर्माण में पेयजल निर्माण निगम चम्बा द्वारा की जा रही देरी पर कड़ा रुख अपनाते हुए निगम को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए।जिलाधिकारी एवं विधायक ने बरनाली, जागटा एवं चिंवा गांव के पास सक्रिय भूस्खलन से प्रभावित इलाकों का भी निरीक्षण किया और इन जगहों पर यातायात को सुचारू बनाएं रखने के लिए नियमित रूप से जेसीबी मशीनों की तैनाती रखने, ड्रेनेज की व्यवस्था करने और दलदली क्षेत्र में आरबीएम बिछाएं जाने के निर्देश दिए।
रिपोर्टर- दीपक नौटियाल (उत्तरकाशी)