AI कर सकती है आपके बच्चे का भविष्य बर्बाद, सतर्क रहें। नहीं करें ये काम।
Parenting Guide: आज के इस YouTube Shorts और Insta Reels के जमाने में शायद ही कोई ऐसा हो जो सोशल मीडिया (Social Media) से जुड़ा ना हो। 75% पेरेंट्स भी अपने बच्चों की फ़ोटोज़ ओर विडीओज़ सोशल मीडिया पर डाल देते हैं। ये उनके लिए एक याद है लेकिन और लोगों के लिए DATA. टेक्नॉलजी अब और अधिक advance हो चुकी है और इसका उदाहरण है AI यानी (Artificial Intelligence).
नयी टेक्नॉलजी के विकास के साथ-साथ वाणिज्यिक एआई (Artificial Intelligence) के उपयोग में बहुत तेजी से वृद्धि हो रही है। यह तकनीक अनुमानित और समाज की समस्याओं का समाधान प्रदान करने में मदद कर सकती है, लेकिन इसके उपयोग लोगों के लिए चिंता का कारण भी है। आज के इस लेख में हम आपको बताएँगे की कैसे आपके द्वारा आपके बच्चे की share की गयी से 1 फ़ोटो और AI की मदद से बच्चे का भविष बर्बाद हो सकता है।
यह विडीओ देखें – 9 साल की बच्ची ऐसे बनी 18 साल की
है ना AI ख़तरनाक। AI आने वाले फ़्यूचर को ब्राइट या डार्क बना सकती है।
माता पिता को क्या करना चाहिए – बच्चे के भविष के लिए।
आमतौर पर माता पिता अपनी और अपने बच्चों की कई तरह की तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर करते हैं। आजकल तस्वीरें पोस्ट करना जीवन का एक हिस्सा सा बन गया है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि अपने बच्चों की तस्वीरें सोशल प्लेटफॉर्म पर डालकर कहीं आप भविष्य के साथ खिलवाड़ तो नहीं कर रहे हैं। आपको शायद एहसास न हो, लेकिन आपके द्वारा बच्चे की पोस्ट की गई एक तस्वीर भी क्रिमिनल्स के काम आ सकती है।
अब आप सोच रहे होंगे कि एक तस्वीर से बच्चों को क्या नुकसान हो सकता है। इसका उदाहरण तो ऊपर विडीओ में भी दिखा चुके हैं। नहीं देखा तो एक बार ज़रूर देख लें।
अगर आप बच्चे की तस्वीर ऑनलाइन पोस्ट कर रहे हैं, तो आपको कई बातों का खास ध्यान रखना चाहिए। आइए हम आपको बताते हैं कि बच्चे की तस्वीरें सोशल मीडिया पर डालने से क्या नकारात्मक प्रभाव हो सकते हैं और इसलिए आपको किन सावधानियों का ध्यान रखना चाहिए।
- लिमिटेड तस्वीरें ही डालें: कुछ लोगों को अपने बच्चों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर पोस्ट करने का बहुत शौक होता है। उन्हें इसमें कोई बुराई नजर नहीं आती है। लेकिन इस तरह बिना सोचे समझे बच्चे की किसी भी तरह की तस्वीर अपराधियों के लिए एक अच्छा मौका साबित हो सकती है। ऑनलाइन इस तरह की चीजें कई बार नुकसान कर जाती हैं। बच्चों की तस्वीरों को कई तरीकों से मॉर्फ किया जा सकता है। ऐसे में अपराधी उन तस्वीरों का गलत तरह से इस्तेमाल भी कर सकते हैं। इसलिए बच्चे की जरूरत से ज्यादा तस्वीरें सोशल मीडिया पर पोस्ट करने से बचें।
- लोकेशन के बारे में जानकारी न दें: अगर आप बच्चे की तस्वीर पोस्ट कर रहे हैं, तो यह जरूर ध्यान रखें कि उसकी लोकेशन के बारे में किसी को पता न चले। अगर बच्चा स्कूल ड्रेस में है, तो उसकी तस्वीर पोस्ट न करें। इससे हर कोई आसानी से जान जाएगा कि बच्चा किस स्कूल में पढ़ता है। इसी तरह बच्चे अपनी लाइफ में एक जैसी ही रूटीन अपनाते हैं। अगर आप उनकी अलग-अलग तस्वीरें बार-बार पोस्ट करते हैं, तो कोई भी उनके रूटीन को आसानी से समझकर उन्हें अपना शिकार बना सकता है।
- चाइल्ड शेमिंग तस्वीरें नहीं: कुछ पैरेंट्स बच्चे की नहाते हुए या ऊटपटाँग तस्वीरें पोस्ट कर देते हैं, पर ऐसा बिल्कुल न करें। इस तरह की तस्वीरें बच्चों की सेल्फ-एस्टीम (Self-Esteem) को काफी नुकसान पहुंचा सकती हैं। उन फ़ोटोज़ का MEME भी बन सकता है और विरल हो सकती हैं।
आपके बच्चों का भविष्य आपके ही हाथों में है। अनजाने में ही कोई ऐसे गलती ना करें की आपके बच्चे को ज़िंदगी भर उसका दिक़्क़त झेलनी पड़े।
AI का उपयोग शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य और अन्य क्षेत्रों में तेजी से बढ़ रहा है। यह एक सुविधा प्रदान करता है हालांकि, कुछ उपयोगकर्ता चिंतित हैं कि AI निर्धारित नैतिक मानकों और मानवीय संबंधों को ध्यान में रखकर निर्णय लेने में कामयाब नहीं हो सकती है।
टेक्नॉलजी में आपका कंट्रोल नहीं है लेकिन आप अपने बच्चों को उनकी ऑनलाइन सुरक्षा के बारे में बता ज़रूर सकते हैं ताकि तो किसी भी ऑनलाइन फ़्रॉड से बचे रहें।
बच्चों की वर्चुअल प्राइवेसी की सुरक्षा कैसे करें (How to Protect Children’s Virtual Privacy)
आज के समय में, इंटरनेट और वर्चुअल दुनिया का उपयोग बच्चों के लिए अनिवार्य हो गया है। हालांकि, वर्चुअल प्राइवेसी की सुरक्षा महत्वपूर्ण है और हमें अपने बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखने की जरूरत है। यहां कुछ महत्वपूर्ण उपाय हैं जो बच्चों की वर्चुअल प्राइवेसी की सुरक्षा में मदद कर सकते हैं:
- संज्ञान और बातचीत: अपने बच्चों के साथ वर्चुअल जगत में जाने वाली संभावित खतरों के बारे में चर्चा करें। उन्हें उन वेबसाइट्स, सोशल मीडिया और ऐप्स के बारे में समझाएं जिन्हें उन्हें उपयोग करने की इच्छा हो सकती है।
- निजी जानकारी की सुरक्षा: बच्चों को यह सिखाएं कि वे अपनी निजी जानकारी जैसे नाम, पता, फोन नंबर या स्कूल की जानकारी किसी अज्ञात यूज़र के साथ शेयर ना करें।
- पहचान चोरी की संभावना: अपने बच्चों को इंटरनेट पर अपनी पहचान को सुरक्षित रखना सिखाएं। सुरक्षित पासवर्ड का उपयोग करें, इंटरनेट सुरक्षा के लिए ज़रूरी ऐप्स और सॉफ़्टवेयर इंस्टॉल करें और नकली ईमेल या लिंक्स से दूर रहें।
- ऑनलाइन संवादों का पता लगाएं: बच्चों के साथ इंटरनेट पर चैट, संदेश, ईमेल और सामाजिक मीडिया चर्चाओं में दिखाई देने वाले संदेशों और आपत्तिजनक संवादों का पता लगाएं। उन्हें ऐसे संवाद करने से रोकें और यदि कोई समस्या हो, तो इसे आपत्ति या अधिकारी को रिपोर्ट करने का समय दें।
- अज्ञात यूजर और संदेशों से सतर्क रहें: अपने बच्चों को सिखाएं कि वे किसी अज्ञात व्यक्ति से संदेश या वाणिज्यिक संदेशों के जरिए संपर्क न करें। उन्हें बताएं कि कोई आपत्तिजनक या अनुचित संदेश प्राप्त होने पर तुरंत आपको या अधिकारी को रिपोर्ट करें।
- नियंत्रण और मॉनिटरिंग: अपने बच्चों की वर्चुअल गतिविधियों का नियंत्रण और मॉनिटरिंग करें। उन्हें उपयोग करने वाली वेबसाइटों और ऐप्स को संवेदनशीलता और सुरक्षा के आदान-प्रदान के बारे में शिक्षित करें।
ये उपाय बच्चों की वर्चुअल प्राइवेसी की सुरक्षा को सुनिश्चित करने में मदद करेंगे। हम आपको सलाह देना चाहेंगे कि AI के उपयोग को नियंत्रित और सतर्क रखें।
एआई प्रणाली तकनीकी प्रगति है, लेकिन हमेशा ध्यान दें कि नियंत्रित और सतर्क उपयोग करना हमारी जिम्मेदारी है। हमारे बच्चों का भविष्य हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए और हमें उनकी सुरक्षा और विकास के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने चाहिए।
सतर्क रहें, सुरक्षित रहें।
पोस्ट अच्छी लगी हो तो शेर ज़रूर करें।