29 September, 2024
Dehradun fake property registry case lawyer Kamal Virmani arrested (Source: Social Media)

Dehradun fake property registry case lawyer Kamal Virmani arrested (Source: Social Media)

फर्जी रजिस्ट्री बनाने वाला मास्टरमाइंड गिरफ्तार, अब तक कर डाला 20 करोड़ का खेल

देहरादून के इस वकील ने अपने मुंशी और सहायक वकील इमरान के साथ मिलकर करोड़ों का किया फर्जीवाड़ा। पूरी खबर पढ़ें।

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देहरादून: देहरादून के वरिष्ठ अधिवक्ता कमल विरमानी को रजिस्ट्रार ऑफिस में गड़बड़ी करने के मामले में गिरफ्तार कर लिया गया है।

एसआईटी (SIT) ने कई दिनों से उनकी पर्याप्त सुरक्षा के बावजूद उनका पीछा कर रही थी और आखिरकार कमल विरमानी तक पहुंचने में सफल रही। विरमानी को फर्जी रजिस्ट्रियों के खेल का मास्टरमाइंड माना जा रहा है। इस मामले में अब तक 9 व्यक्तियों की गिरफ्तारी कर ली गई है। जांच से पता चला है कि विरमानी ने एक गिरोह की मदद से 20 से अधिक फर्जी रजिस्ट्रियां करवाई और इन जमीनों को माफिया के नाम पर दाखिल किया। इसके जरिए करोड़ों रुपये का धोखाधड़ी काम किया गया।

रविवार को आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में, एसएसपी दलीप सिंह कुंवर ने बताया कि रजिस्ट्री में छेड़छाड़ और फर्जी रजिस्ट्रियों के मामले में 15 जुलाई को शहर कोतवाली में मामला दर्ज हुआ था। इस मामले की जांच एसआईटी द्वारा की जा रही है। 8 आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद वकील कमल विरमानी का नाम भी मामले में शामिल हो गया, और उसे शनिवार को गिरफ्तार कर लिया गया। इस मामले में एक आरोपी, केपी सिंह, ने उसके प्रेरणास्त्रोत के रूप में काम किया, और उसने पुरानी और विवादित जमीनों की फर्जी रजिस्ट्रियां करवाने की योजना बनाई।

रजिस्ट्रियों की ड्राफ्टिंग विरमानी के चैंबर में ही प्राप्त होती थी। इसके बाद विरमानी इन्हें तैयार करके वकील इमरान और मुंशी रोहताश को सौंपता था। उन्होंने अजय क्षेत्री, डालचंद और विकास पांडेय की मदद से इन दस्तावेजों को रजिस्ट्रार और राजस्व रिकॉर्ड रूम में संग्रहित करवाया था। इस सम्पूर्ण मामले में एक नंबर पर, यानी खातों में, 10 करोड़ रुपये से अधिक का लेन-देन हुआ था। पिछले दिनों वकील इमरान की गिरफ्तारी के समय ही 20 करोड़ रुपये से अधिक के लेन-देन की पुष्टि हो चुकी थी। यह मामला शायद 100 करोड़ रुपये से भी अधिक का हो सकता है। जांच में यह भी सामने आया कि आरोपियों ने रजिस्ट्रार ऑफिस और रिकॉर्ड रूम से निकाले गए मूल दस्तावेजों को आग लगा कर नष्ट कर दिया था। पुलिस की हिरासत में, विरमानी ने अपनी गरदबादी को स्वीकारा है। उसकी गिरफ्तारी के बाद, उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।

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