वन विभाग ने वन भूमि पर दशकों से बसे हुए हजारों परिवारों को राहत प्रदान की है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्पष्ट किया है कि वन भूमि पर स्थित गोठ, खत्ते, वन ग्राम और टोंग्या गांवों में कोई अतिक्रमण नहीं हटाया जाएगा। उन्होंने बताया है कि इसके लिए सरकार एक अलग से नीति तैयार करेगी। “अतिक्रमण हटाओ” अभियान के नोडल अधिकारी डॉ. पराग मधुकर धकाते ने भी गुरुवार को डीएफओ और पार्क निदेशकों को आदेश जारी किए हैं। इस बीच, मुख्यमंत्री ने इस संबंध में एक वीडियो जारी करके अफवाहों को नजरअंदाज करने को कहा है।
बीते पचास सालों से गोठ, खत्तों, वनग्राम और टोंग्या गांवों में हजारों की आबादी बसी हुई है। इन समुदायों को अतिक्रमण अभियान के तहत वन विभाग ने नोटिस जारी किया है। लेकिन अब सीसीएफ डॉ. धकाते द्वारा उन्हें ना हटाने के आदेश जारी किए गए हैं। नए आदेशों में यह बताया गया है कि मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार इन समुदायों के लिए एक अलग पॉलिसी तैयार की जाएगी। इस पॉलिसी के तैयार होने तक उन्हें हटाने की कोई पहल नहीं की जाएगी।
साथ ही, धकाते ने बताया है कि वन भूमि से अतिक्रमण को हटाने के लिए लोगों को नकली नोटिस भी जारी किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि अतिक्रमण हटाने के नोटिस रेंज स्तर पर रेंजर या फॉरेस्टर की ओर से जारी होने की जानकारी मिली है। ये भारतीय वन अधिनियम 1927की धारा 41(क) व (ख) का उल्लंघन है। ये नोटिस डीएफओ या पार्क निदेशक जारी कर सकते हैं।
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