ये है मुख्य बिंदु (Main Point)
- चंपावत जिले में पशुओं में फैला लंपी वायरस
- कई जानवर पड़े है बीमार कई जानवरो की हो गयी है मौत
- किसानो की खेती में भी पड़ा है असर धान की खेती हो गयी है लेट
चंपावत जिले में पशुओं में फैला लंपी वायरस
चंपावत जिले में पशुओं में फैले लंपी वायरस का असर सीमांत क्षेत्र में होने वाली धान की रोपाई में भी पड़ रहा है लंपी वायरस के चलते धान की रोपाई भी लगभग एक महीना देरी से शुरू हुई लोहाघाट ब्लॉक के नेपाल सीमा से लगे सुल्ला गांव के ग्राम प्रधान प्रतिनिधि त्रिलोक सिंह ने बताया कि सीमावर्ती गांवो में फैले लंपी वायरस के कारण इस बार धान की रोपाई लगभग एक महीना देरी से हो रही है
कई जानवर पड़े है बीमार कई जानवरो की हो गयी है मौत
लंपी वायरस के कारण क्षेत्र के कई ग्रामीणों के बैलों की मौत हो गई थी तो कई बेल बीमार पड़े हुए थे जिस कारण इस बार धान की रोपाई देरी से शुरू हो पाई है त्रिलोक सिंह ने सरकार व प्रशासन से क्षेत्र के किसानों को उनके जानवरों की मौत का मुआवजा देने की मांग करी है ताकि किसान फिर से बैल खरीद कर खेती को सुचारू रूप से कर सकें उन्होंने कहा जानवरो की मौत से किसानों को काफी आर्थिक नुकसान पहुंचा है वहीं क्षेत्र में बारिश होने से धान की रोपाई ने अब जोर पकड़ लिया ग्रामीण महिलाएं व पुरुष एक दूसरे का सहयोग करते हुए धान की रोपाई में जुट गए हैं
किसानो की खेती में भी पड़ा है असर धान की खेती हो गयी है लेट
मालूम हो सीमावर्ती सुल्ला पासम आदि क्षेत्र लाल धान की खेती के लिए काफी प्रसिद्ध है बिना किसी सरकारी मदद के किसानों के द्वारा खेती कर अन्य ग्रामीणों को खेती के लिए प्रेरित किया जा रहा है आजकल पर्वतीय क्षेत्र के अधिकांश गांव में अधिकतर किसान खेती करना छोड़ शहर की ओर पलायन कर चुके है जिस कारण गांव में खेत के खेत बंजर पड़े हुए हैं लेकिन सुल्ला के यह किसान अन्य लोगों को आइना दिखा रहे हैं प्रशासन के द्वारा भी सीमावर्ती क्षेत्र के किसानों को योजनाओं का लाभ देते हुए उनकी मदद करनी चाहिए
रिपोर्टर – लक्ष्मण बिष्ट (लोहाघाट)