उत्तराखंड शासन से आज की महत्वपूर्ण खबर सामने आ रही है मुख्य वन संरक्षक एवं अतिक्रमण हटाओ अभियान के नोडल अधिकारी डॉ. पराग मधुकर धकाते ने सभी प्रभागीय वन अधिकारी/उप निदेशक वन विभाग को वन भूमि से अतिक्रमण हटाने के संबंध में नया आदेश जारी किया है।
आदेश में बताया गया है कि उनके संज्ञान में आया है कि कई वन प्रभागों में वन क्षेत्राधिकारी, उप वन क्षेत्राधिकारी, वन दरोगा और वन आरक्षी द्वारा वन भूमि पर हुए अवैध अतिक्रमण को खाली कराने के लिए नोटिस रेंज स्तर से ही जारी किए जा रहे हैं, जो कि भारतीय वन अधिनियम 1927 के प्रावधानों के अनुरूप नहीं हैं।
इसलिए, वन भूमि पर अतिक्रमण को हटाने के लिए, प्रभागीय वन अधिकारी प्राधिकृत अधिकारी हैं। इस प्रक्रिया के अंतर्गत ही सुनिश्चित करें कि कार्यवाही की जाए और अपने अधीनस्थ फील्ड कर्मचारियों को इसका प्रचार-प्रसार भी करें, ताकि जनमानस में कोई भ्रम की स्थिति न उत्पन्न हो।

डॉ. पराग मधुकर दिखाते ने अपने निर्देशों में कहा है कि मुख्यमंत्री द्वारा 22 मई को आयोजित की गई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग समीक्षा बैठक में निर्देश दिए गए हैं कि नदियों के किनारे, जहां विभिन्न क्षेत्रों में उपखनिज चुगान कार्य चल रहा है, उस वन क्षेत्र में नदियों के किनारे स्थित अवैध झोपड़ी, मकान, दुकान आदि को नियमानुसार तुरंत हटाने की कार्यवाही प्राथमिकता से की जाए।
इसके अलावा, वन भूमि पर स्थित गोठ, खत्ते, वन ग्राम और टोंगिया ग्राम आदि क्षेत्रों के विनियमितीकरण और विस्थापन के लिए नीति निर्धारित की जाएगी। इसलिए, इन क्षेत्रों के लिए अलग से नीति निर्धारित करने के बाद ही कार्यवाही की जाएगी।
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