देहरादून: अधिक स्पीड में वाहन दौड़ाने पर जेब में पड़ेगा सीधा असर, नियम तोड़ने वालो की अब खैर नहीं।
सड़क हादसों को रोकने के लिए, उत्तराखंड में परिवहन, लोक निर्माण विभाग और पुलिस विभाग की संयुक्त टीम ने पर्वतीय रूटों पर गति सीमा तय करने के लिए कदम उठाए हैं। यह समस्या गंभीर हो गई है, क्योंकि खराब सड़कों और रफ्तार के जुनून के कारण लोगों की मौत हो रही है। संभागीय परिवहन प्राधिकरण ने अब सड़क हादसों को रोकने के लिए एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है। दोपहिया वाहनों के लिए गति सीमा 20 किमी प्रति घंटे और कारों के लिए अधिकतम गति सीमा 45 किमी प्रति घंटे तय की गई है
मंगलवार को संभागीय परिवहन प्राधिकरण की बैठक में सिटी बस, छोटी ओमनी बस और ई-रिक्शा के संचालन, नए रूटों की मंजूरी, गति सीमा निर्धारण और ट्रैवल एजेंसी संचालकों के पंजीकरण पर चर्चा हुई अब गति सीमा को मंजूरी प्रदान कर दिए जाने के बाद सभी साइन बोर्ड बदले जाएंगे लोगों की जानकारी के लिए नई गति सीमा दर्ज की जाएगी और इसी के मुताबिक चालान व अन्य कार्रवाई की जाएगी। गति सीमा तय होने का असर देहरादून समेत टिहरी और उत्तरकाशी जिले के पर्वतीय रूटों पर पड़ेगा।
जो लोग नियमों का पालन नहीं करेंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी बैठक में ट्रैवल एजेंसी संचालकों के अनिवार्य पंजीकरण व छोटी ओमनी बसों (टाटा मैजिक) के परमिट जारी करने की अवधि बढ़ाने संबंधी प्रस्तावों को भी मंजूरी दी गई। टिहरी में 84 और उत्तरकाशी में छह ऐसे मार्ग पाए गए, जिन पर वाहनों के संचालन के लिए मंजूरी नहीं मिल पाई थी। इन रूटों पर वाहन संचालन की अनुमति दे दी गई है। इससे लोगों को बेहतर परिवहन सुविधाएं मिल सकेंगी, माल ढुलाई संबंधी परेशानियों से भी निजात मिलेगी।
रिपोर्ट- ब्यूरो रिपोर्ट
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