श्रीनगर: श्रीनगर के खिर्सू गांव में आतंक का पर्याय बना आदमखोर गुलदार आखिरकार ढेर हो गया है। वन विभाग की टीम ने गुलदार को सोमवार देर रात एक जंगल में घेरकर मार गिराया।
गुलदार ने बीती 5 सितंबर को गांव में एक चार साल की बच्ची को अपना निवाला बनाया था। इससे पहले भी गुलदार ने कई मवेशियों को अपना शिकार बनाया था। ग्रामीणों में इस गुलदार के कारण काफी दहशत थी।
वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि गुलदार को गांव के पास से एक जंगल में घूमते हुए देखा गया था। वन विभाग की टीम ने गुलदार को ट्रैक किया और उसे एक जंगल में घेर लिया। गुलदार ने वन विभाग की टीम पर हमला कर दिया, जिस पर टीम ने आत्मरक्षा में गोली चला दी। गोली लगने से गुलदार की मौत हो गई।
ग्रामीणों ने वन विभाग की टीम का धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि गुलदार के मारे जाने से उनकी जान बच गई है।
इस घटना ने एक बार फिर वन्यजीवों के साथ मानवीय संघर्ष की समस्या को उजागर किया है। उत्तराखंड में जंगली जानवरों की संख्या बढ़ रही है, जिससे ये अक्सर मानव आबादी के क्षेत्र में आ जाते हैं। इससे दोनों पक्षों में संघर्ष की स्थिति पैदा हो जाती है।
सरकार को इस समस्या का समाधान करने के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है। जैसे कि जंगलों की कटाई को रोकना, वन्यजीवों के लिए संरक्षित क्षेत्रों का विस्तार करना और लोगों को वन्यजीवों के बारे में जागरूक करना शामिल है।