ये है मुख्य बिंदु (Headlines)
- अचानक पानी छोड़ने पर नोकाये हुई क्षतिग्रस्त
- नाव संचालकों को हुआ लाखों का नुकसान
- बोटिंग चालू न होने पर पर्टयक मायूस
- सिंचाई विभाग की बड़ी लापरवाही आई सामने
अचानक पानी छोड़ने पर नोकाये हुई क्षतिग्रस्त
बिना किसी पूर्व सूचना के अचानक सिंचाई विभाग के द्वारा लोहाघाट की कोलीढेक झील का पानी छोड़ने से झील में नौकायन बंद हो गया है जिस कारण कई पर्यटक बिना नौकायन करें बेरंग घरों को लौटे जिस कारण नाव संचालकों को लाखों का नुकसान हो गया है। झील में नौका संचालन बंद होने से कई पर्यटक मायूस होकर लौटे। झील में रिपेयरिंग कार्य पूरा होने के बाद ही नौका संचालन शुरू होगा।नौका संचालन संघ के अध्यक्ष रोहित ढेक के नेतृत्व समस्त नाव संचालकों ने सिंचाई विभाग कार्यालय जाकर बगैर सूचना के झील का पानी छोड़ने पर गहरी नाराजगी जताई।
नाव संचालकों को हुआ लाखों का नुकसान
उन्होंने कहा कि विभाग के द्वारा नौका संचालकों को बिना सूचना दिए झील का अचानक पानी छोड़ने पर झील के पानी का स्तर नीचे आने से उनकी नाव कीचड़, पत्थर आदि में फंस गई और कई नावों को नुकसान हुआ है। इसके अलावा 60-60 हजार रुपये की लागत के दो जार्मिंग बैलून भी क्षतिग्रस्त हो गए है। वही नाव छतिग्रस्त होने से नाव संचालकों को करीब एक से डेढ लाख रुपये का नुकसान हो गया है। उन्होंने बताया कि किसी तरह से ऋण लेकर उन्होंने नौका का रोजगार शुरू किया था, लेकिन झील का पानी छोड़ने से नौका संचालन भी ठप हो गया है।
बोटिंग चालू न होने पर पर्टयक मायूस
जिस कारण दूर-दूर से आए कई पर्यटक वापस लौटे। उन्होंने कहा भविष्य में जब भी विभाग झील से पानी की निकासी आदि करे तो पूर्व में वह इसकी सूचना नौका संचालकों को दे, जिससे वह पहले से ही अपनी नौकाओं को सुरक्षित स्थानों पर रख ले। वहीं नौका संचालकों ने चेतावनी देते हुए कहा अगर भविष्य में सिंचाई विभाग इस प्रकार की हरकतें करेगा तो सभी नोका संचालक सिंचाई विभाग के खिलाफ आंदोलन छोड़ देंगे उन्होंने
सिंचाई विभाग की बड़ी लापरवाही आई सामने
इसकी सूचना पूर्व में नौका संचालकों को दे दी गई थी। उप्रेती ने बताया झील में गेट की मरम्मत करने के लिए रुड़की से टीम आ रही है। फिलहाल झील में नौका संचालन को रोक दिया गया है उपरेती ने बताया भविष्य में झील का पानी छोड़ने से पहले नौका संचालकों को सूचित किया जाएगा उन्होंने कहा अभी झील का जलस्तर डेढ़ मीटर और नीचे आएगा । कुल मिलाकर यहां पर सिंचाई विभाग की बड़ी लापरवाही सामने नजर आ रही है
रिपोर्टर -लक्ष्मण बिष्ट (लोहाघाट)