uttarakhand : अंतरधार्मिक व अंतरजातीय शादियों की होगी जांच

अंतरधार्मिक व अंतरजातीय शादियों की होगी जांच, जबरन धर्म परिवर्तन कराने पर 10 साल की सजा

प्रदेश में अंतर धार्मिक और अंतरजातीय शादियों के लिए साल 2018 में एक कानून लागू किया गया था। इस कानून के तहत, पिछले पांच सालों में हुई अंतर धार्मिक और अंतरजातीय शादियों की पुनर्जांच की जाएगी।इस जांच में देखा जायेगा की इन शादियों में कानून का पालन किया गया है या नहीं।


website design agency haldwani

amazon deal banner

वर्ष 2018 से अब तक प्रदेश में हुई सभी अंतरधार्मिक और अंतरजातीय शादियों की जांच की जाएगी। इस जांच में ध्यान दिया जाएगा कि कहीं धर्म परिवर्तन की कोई बात तो नहीं है। यदि ऐसी कोई ऐसा मामला सामने आता है, तो धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी।

सभी जिलों के एसएएसपी और एसपी से जांच कराई जाएगी। उत्तराखंड धर्म स्वतंत्रता अधिनियम 2018 के तहत, अगर कोई धर्म परिवर्तन करता है, तो उसे जिलाधिकारी कार्यालय में रजिस्ट्रेशन करवाना आवश्यक है।

अब ऐसे मामलों की सभी जिलों के एसएएसपी और एसपी से जांच कराई जाएगी। इस जांच में देखा जाएगा कि 2018 के बाद अब तक हुई सभी अंतरजातीय और अंतरधार्मिक शादियों में कानून का पालन किया गया है या नहीं।

जबरन धर्म परिवर्तन कराने पर 10 साल की सजा हो सकती है। साल 2018 में आए उत्तराखंड धर्म स्वतंत्रता अधिनियम 2018 में जबरन धर्म परिवर्तन कराने पर कम सजा का प्रावधान था।

लेकिन साल 2022 में इसमें संशोधन किया गया, जिसके बाद जबरन धर्म परिवर्तन कराने पर 10 साल की सजा और 50,000 रुपये का जुर्माना का प्रावधान किया गया है।

खबर शेयर करें: