माननीय मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी जी ने आज सचिवालय में एक बैठक आयोजित की, जिसमें राज्य सरकारी भूमि से अतिक्रमण हटाने के संबंध में अधिकारियों को निर्देश दिए। माननीय मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी जमीन से अतिक्रमण को शीघ्रता से हटाया जाना चाहिए। इसके संबंध में शासनादेश आज ही जारी किया जाएगा। वे जिलाधिकारियों से आवश्यक कार्यवाही करने के लिए स्थानीय शत्रु सम्पतियों का निरीक्षण करने का निर्देश दिया है और जिन सम्पतियों को जिला प्रशासन द्वारा अधीन नहीं लिया गया है, उन्हें तत्परता से ध्यान में रखा जाना चाहिए। वे जिलाधिकारियों को आदेश दिए हैं कि जिन सम्पतियों को जिला प्रशासन द्वारा अधीन लिया जा चुका है, उनमें से कौन से पब्लिक प्रोजेक्ट्स विकसित किए जा सकते हैं, इसका प्रस्ताव शीघ्रता से शासन को भेजा जाए। सभी जिलाधिकारियों को अपने जनपदों की अवशेष शत्रु सम्पतियों का चिन्हांकन और आवश्यक कार्यवाही करने का निर्देश दिया गया है।
माननीय मुख्यमंत्री ने गृह विभाग को आदेश दिए हैं कि वे बाहरी व्यक्तियों के साथ ही किरायेदारों का नियमित सत्यापन भी करें, और जिन लोगों ने इस कार्य में लापरवाही की है, उन पर सख्त कार्रवाई की जाए। सभी विभागों को अपने-अपने क्षेत्र में अतिक्रमण हटाने के लिए आपसी समन्वय से कार्य करने और एक दूसरे का सहयोग करने का आदेश दिया गया है। मुख्यमंत्री जी ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि जनपदों में हो रही नई प्लाटिंग को नियमानुसार कार्यवाही की जाए, और यदि कहीं भी कोई शिकायत आती है, तो संबंधित अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की जाए। मुख्यमंत्री जी ने आदेश दिए हैं कि सभी सरकारी भूमि को अपना यूनिक नंबर प्राप्त होगा और सभी विभाग अपनी सरकारी संपत्ति को रजिस्टर में रखेंगे। इसके लिए एक डिजिटल इन्वेंटरी बनाई जाएगी। सरकारी भूमि की नजरबंदी के लिए समय-समय पर सेटेलाइट छवि भी ली जाएगी। उन्होंने कहा है कि स्थानीय युवाओं के कौशल विकास के लिए तकनीकी प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाए। इसके लिए आवश्यक धनराशि का भी इंतजाम किया जाएगा, और इसके लिए जल्द ही शासनादेश जारी किया जाएगा।