Udham Singh Nagar: जानकारी के मुताबिक, सितारगंज निवासी हरेंद्र परिवार के साथ सोमवार रात जमीन पर सोया था. उसके साथ 13 साल का बेटा पारित भी सोया था. रात करीब डेढ़ बजे पारित के पैर में सांप ने डस लिया. बच्चे की चीख सुन स्वजनों ने सांप को कमरे से जाते देखा.
परिजनों ने बच्चे को अस्पताल ले जाने के बजाय झाड़ फूक करने वाले के पास ले गए. मंगलवार सुबह पारित की तबियत फिर बिगड़ गई. जिसके बाद उसे नजदीकी अस्पताल ले जाया गया.
हालत नाजुक होने पर डॉक्टर ने डाॅ. सुशीला तिवारी अस्पताल रेफर कर दिया, लेकिन रास्ते में ही बच्चे ने दम तोड़ दिया. घटना से परिजनों में कोहराम मचा हुआ है.
क्या आज के समय में भी लोग इन झाड़ फूक करने वालो पे विश्वास करते है? अगर आज पारित के पिता उसे सबसे पहले डॉक्टर के पास ले जाते तो आज वो भी जिन्दा होता। आप सभी से निवेदन है अगर आपके आस-पास या आपके घर में ऐसा कुछ होता है तो, उसे जल्द से जल्द डॉक्टर के पास ले जाये न की इन झाड़ फूक करने वालों के पास.