उत्तराखंड में जमीन खरीदने के नये नियम:
बाहरी राज्यों से आए लोगों द्वारा उत्तराखंड की जमीनों पर कब्जा करने की समस्या, पहाड़ों की सभ्यता और संस्कृति को धूम्रित कर रही है। यह चिंता का विषय है कि अभी तक उत्तराखंड सरकार ने कठोर कानूनों की अपेक्षा कोई कदम नहीं उठाया है। हालांकि, इसके पीछे कुछ पॉजिटिव संकेत भी हैं। हाल ही में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सरकार ने अतिक्रमण के खिलाफ कड़ा एक्शन शुरू किया है और सरकार कड़ी मेहनत करके अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई कर रही है। कई अतिक्रमणों को ध्वस्त किया गया है और अतिक्रमण को ध्वस्त करने की प्रक्रिया भी जारी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि यूपी, दिल्ली-एनसीआर और देश के अन्य राज्यों से उत्तराखंड में आने वाले लोगों को अब जमीन और मकान आसानी से नहीं खरीदने दिया जाएगा, बल्कि उन्हें पहले सत्यापित करना होगा और तब ही वे खरीदारी कर सकेंगे।
उत्तराखंड में जमीन खरीदने वालो का पृष्ठभूमि सत्यापन होगा आवश्यक:
उत्तराखंड में जमीन खरीदने वाले व्यक्ति की पृष्ठभूमि का सत्यापन आवश्यक है। क्या वह किसी अपराधिक अभियोग से जुड़ा हुआ है या उसके परिवार में किसी संदिग्ध व्यक्ति की उपस्थिति है, जिससे भविष्य में देवभूमि के लिए खतरा हो सकता है। उन्हें इन सभी पहलुओं का संतुष्टिकरण करने के बाद ही जमीन खरीदने की अनुमति दी जाएगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि जहां नई प्लॉटिंग हो रही है, वहां सभी कार्यवाही को नियमानुसार किया जाएगा और यदि किसी भी शिकायत की जानकारी मिलती है, तो संबंधित अधिकारियों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। सीएम धामी ने कहा है कि भविष्य में किसी भी स्थिति में जमीनों पर अतिक्रमण की अनुमति नहीं दी जाएगी, और अगर ऐसा हो रहा है, तो तत्परता से कार्रवाई की जाएगी। सीएम धामी ने कहा है कि यह अतिक्रमण हटाने का अभियान जारी रहेगा जब तक पूरा उत्तराखंड अतिक्रमण मुक्त नहीं हो जाता।
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