उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग ने फ्यूल एंड पॉवर परचेज कॉस्ट एडजस्टमेंट (एफपीपीसीए) को मंजूरी दे दी है. यह नियमावली हर महीने बिजली की कीमत में बदलाव करेगी. अगर यूपीसीएल को बिजली महंगी मिलती है तो उपभोक्ताओं से भी ज्यादा वसूली की जाएगी.
एफपीपीसीए के लागू होने के बाद अब हर तिमाही फ्यूल चार्ज एडजस्टमेंट (एफसीए) नहीं लगेगा. इतना ही नहीं यूपीसीएल हर नए वित्तीय वर्ष में बिजली दरों में बढ़ोतरी संबंधी याचिका अलग से दायर करेगा. इस पर आयोग जनसुनवाई के बाद दरें तय करेगा, जो हर साल एक अप्रैल से लागू होंगी.
माना जा रहा है कि एफपीपीसीए लागू होने के बाद अप्रैल की दरों में अपेक्षाकृत कम बढ़ोतरी होगी. तय दर से अधिक की खरीद पर उपभोक्ताओं पर भार बढ़ेगा. यूपीसीएल के लिए बाजार से बिजली खरीद के लिए 4.72 रुपये प्रति यूनिट की दर तय की गई है. बिजली की भारी मांग के बीच यूपीसीएल अगर इससे ज्यादा दर पर बिजली खरीदेगा तो उसका पूरा खर्च उपभोक्ताओं से वसूला जाएगा.
मसलन, अगर यूपीसीएल किसी महीने 9 रुपये की दर से बिजली खरीदेगा तो 4.28 रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से वसूली की जाएगी. हालांकि, नियामक आयोग ने यह भी स्पष्ट किया है कि 20 प्रतिशत से अधिक की वसूली नहीं की जा सकेगी.
एफपीपीसीए लागू होने से प्रदेश के 27 लाख बिजली उपभोक्ता प्रभावित होंगे. इनका बिल हर महीने घटेगा और बढ़ेगा. Uttarakhand Electricity Regulatory Commission के संयुक्त सचिव गौरव लोहानी ने बताया कि यूपीसीएल हर तिमाही इस वसूली का रिव्यू करेगा और नियामक आयोग में इसकी याचिका दायर करेगा.