Champawat News: दुर्लभ प्रजाति की गोल्डन मछलियों के अस्तित्व में छा रहा संकट
चंपावत जिले के लोहाघाट ब्लॉक के नेपाल सीमा से लगे पंचेश्वर में महाकाली वह सरयू नदी में लंबे समय से अति दुर्लभ प्रजाति की गोल्डन मछलियों का धड़ल्ले से शिकार किया जा रहा हैं।जिस कारण इन दुर्लभ प्रजाति की मछलियों के अस्तित्व में संकट छा गया हैं।और संबंधित अधिकारी व विभाग खामोश हैं। जबकि गोल्डन महाशीर संरक्षित प्रजाति की मछली हैं।इसके शिकार करने पर कानूनी सजा का प्रावधान तक हैं।
वहीं पंचेश्वर महादेव मंदिर के स्वामी रामचरण व लोगों ने सोमवार को इसकी शिकायत प्रशासन व एसएसबी से करी उन्होंने कहा प्रसिद्ध पंचेश्वर तीर्थ स्थल मैं लोगों द्वारा सरयू व महाकाली नदी में लंबे समय से खुलेआम विभिन्न तरीकों से गोल्डन महासीर मछलियों का शिकार किया जा रहा हैं। तथा महाशीर मछली का शिकार कर उनको महंगे दामों में बेचा जा रहा हैं। तथा तीर्थ स्थल को पिकनिक स्पॉट बना दिया गया हैं।
स्वामी रामचरण ने कहा उन्होंने इसकी शिकायत कई बार प्रशासन व एसएसबी के अधिकारियों से भी करी पर किसी ने कोई संज्ञान नहीं लिया उन्होंने क्षेत्र में अवैध खनन होने का भी आरोप लगाया हैं। स्वामी रामचरण ने सोमवार को एक बार फिर प्रशासन से शिकायत करते हुए सख्ती के साथ दुर्लभ गोल्डन महाशीर मछली के शिकार में प्रतिबंध लगाने तथा धाम की गरिमा बनाए रखने की मांग करी हैं। इसके अलावा घाट और रामेश्वर क्षेत्र में भी इन मछलियों का धड़ल्ले से स्वीकार किया जा रहा हैं। मालूम हो गोल्डन महाशीर एक दुर्लभ प्रजाति की मछली हैं।
जो कि उच्च हिमालय क्षेत्र की नदियों में पाई जाती हैं।प्रशासन को गोल्डन महाशीर को बचाने के उपाय करने चाहिए तथा इनके शिकार पर कड़ाई से प्रतिबंध लगाना चाहिए तभी यह दुर्लभ प्रजाति की मछलियां बच पाएंगी गोल्डन महाशीर मछलियों की बाजार में काफी ज्यादा डिमांड हैं। जो कि 500 से 1000 रुपया किलो के बीच बिकती हैं।
रिपोटर्स -लक्ष्मण बिष्ट