परमहंस योगानंद अपनी किताब 'ऑटोबायोग्राफी ऑफ अ योगी' के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने पश्चिम के लोगों को मेडिटेशन और क्रिया योग से परिचित कराया। उन्होंने अपने शिष्यों को योग के माध्यम से मानसिक शांति और शारीरिक स्वास्थ्य की प्राप्ति के लिए प्रेरित किया।
आधुनिक योग का पिता कहे जाने वाले तिरुमलाई कृष्णमचार्य को हठयोग और विन्यास को पुनः जीवित करने का पूरा श्रेय प्राप्त है।
धीरेंद्र ब्रह्मचारी को इंदिरा गांधी के योग शिक्षक के रूप में पहचाना जाता है। उन्होंने दूरदर्शन चैनल के माध्यम से योग को प्रोत्साहित करने का कार्य आरंभ किया। इसके साथ ही, उन्होंने दिल्ली के स्कूलों में और विश्वयातन योगाश्रम में योग को प्रारंभ करवाया।
कृष्ण पट्टाभि जोइस भी एक मशहूर योग गुरु थे। उनका जन्म 26 जुलाई 1915 में हुआ था और उनकी मृत्यु 18 मई 2009 को हुई थी। कृष्ण ने अष्टांग विन्यास योग शैली को विकसित किया था। उनके अनुयायियों में मडोना, स्टिंग, और ग्वेनेथ पाल्ट्रो जैसे बड़े नाम भी शामिल थे।
बी के एस अंयगर ने योग को दुनियाभर में पहचान दिलाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उनके नाम से 'अंयगर योग' नामक एक योग स्कूल भी है। इस स्कूल के माध्यम से उन्होंने दुनियाभर के लोगों को योग के प्रति जागरूकता बढ़ाने में सहायता की।
महर्षि महेश योगी देश और विश्व में 'ट्रांस्सेंडेंटल मेडिटेशन' के प्रसिद्ध गुरु माने जाते थे। कई सेलिब्रिटीज भी उन्हें अपने गुरु के रूप में स्वीकार करते हैं। उनके योग से दुनिया भर में उन्हें मान्यता मिली है। श्री श्री रविशंकर भी महर्षि महेश योगी के शिष्य हैं।