उत्तराखंड कैबिनेट का बड़ा फैसला: महिलाओं, युवाओं और पूर्व सैनिकों को मिलेगा रोजगार का नया अवसर
देहरादून। उत्तराखंड सरकार ने राज्य में रोजगार के नए अवसर बढ़ाने और समाज के कमजोर वर्गों को न्याय दिलाने की दिशा में एक अहम कदम उठाया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में महिलाओं, युवाओं और पूर्व सैनिकों के लिए रोजगार नीति के साथ-साथ अपराध पीड़ित सहायता योजना 2025 और गवाह सुरक्षा योजना 2025 को मंजूरी दी गई।
युवाओं और महिलाओं के लिए नई योजनाएँ
सरकार ने यह तय किया है कि राज्य के युवाओं और महिलाओं को आधुनिक और मांग वाले क्षेत्रों में प्रशिक्षण दिया जाएगा। इनमें मुख्य रूप से—
- कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI)
- नर्सिंग व पैरामेडिकल
- प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी
- विदेशी भाषाओं का प्रशिक्षण
इसके अलावा राज्य भर में जॉब फेयर (रोजगार मेले) आयोजित किए जाएंगे, ताकि युवाओं को निजी व सरकारी दोनों क्षेत्रों में अवसर मिल सकें।
आत्मनिर्भर योजनाओं पर जोर
सरकार ने यह भी घोषणा की है कि ब्लॉक स्तर पर 200 लोगों को आत्मनिर्भर योजनाओं में प्रशिक्षण दिया जाएगा। इनमें—
- मधुमक्खी पालन (Beekeeping)
- सेब की खेती
- अन्य कृषि आधारित स्वरोजगार योजनाएँ
शामिल होंगी। इससे ग्रामीण स्तर पर रोजगार और पलायन रोकने में मदद मिलेगी।
अपराध पीड़ित सहायता योजना 2025
नई नीति के तहत अपराध पीड़ितों को अधिक मुआवजा देने का प्रावधान किया गया है। खासकर POCSO एक्ट के तहत पीड़ित बच्चों को राहत राशि बढ़ाई जाएगी, ताकि वे बेहतर पुनर्वास कर सकें।
गवाह सुरक्षा योजना 2025
गवाहों को अब सरकार की ओर से अतिरिक्त सुरक्षा और आर्थिक सहायता मिलेगी। इसके लिए हर ज़िले में एक गवाह सुरक्षा समिति बनाई जाएगी, जो यह तय करेगी कि किस मामले में किस गवाह को सुरक्षा की ज़रूरत है।
सरकार का कहना
मुख्यमंत्री ने कहा कि “उत्तराखंड सरकार का लक्ष्य है कि कोई भी युवा, महिला या पूर्व सैनिक बेरोजगार न रहे। राज्य में शिक्षा और प्रशिक्षण को रोज़गार से सीधे जोड़ा जाएगा। साथ ही, अपराध पीड़ितों और गवाहों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है।”
निष्कर्ष
उत्तराखंड कैबिनेट के इन फैसलों से न केवल युवाओं और महिलाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे, बल्कि अपराध पीड़ितों और गवाहों की सुरक्षा भी सुनिश्चित होगी। यह कदम राज्य के सामाजिक-आर्थिक विकास की दिशा में एक बड़ा बदलाव साबित हो सकता है।