20 November, 2024
स्वतंत्रता सेनानियों के गांव में अब तक सड़क नहीं बनी : मुनस्यारी गांधीनगर गांव

स्वतंत्रता सेनानियों के गांव में अब तक सड़क नहीं बनी, बीमार महिला को डोली से अस्पताल पहुंचाया गया

प्रदेश में विकास के बड़े-बड़े दावे किए जाते हैं, लेकिन इससे कुछ अलग ही होता है। यहां राज्यों के गठन के लिए संघर्ष करने वाले स्वतंत्रता सेनानियों के गांव में आज तक सड़क नहीं है। यहां बीमारों को अस्पताल जाने के लिए डोली एंबुलेंस की तरह काम आती है।


website design agency haldwani

amazon deal banner

यहां एक महिला को बेहोशी की हालत में अस्पताल ले जाने के लिए ग्रामीणों को डोली का सहारा लेना पड़ा। इसके कारण महिला को बेहोशी होने के कुछ घंटे बाद ही उपचार मिल सका।

स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के गांव में नहीं पहुंची सड़क

सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि जिस गांव की यह घटना है, वह एक नहीं बल्कि तीन स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का गांव है। इस गांव में दो-दो मुख्यमंत्रियों की सड़क की घोषणा के बावजूद भी आज तक सड़क नहीं पहुंची है। सड़क ना होने के कारण ग्रामीणों को इसका नुकसान भुगतना पड़ रहा है। जोशा ग्राम पंचायत के गांधीनगर गांव, तीन स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का गांव है। यह गांव अब भी सड़क से वंचित है। गांव में सड़क ना होने के कारण किसी के बीमार होने पर उसे अस्पताल पहुंचाना ग्रामीणों के लिए चुनौती बनी हुई है।

बेहोश महिला को डोली से पहुंचाया गया अस्पताल

मुनस्यारी के गांधीनगर गांव में सोमवार को अनीशा देवी, 20 वर्षीय पुत्र सुनील कुमार, घर से कुछ दूरी पर कपड़े धो रही थी। तभी अचानक उसकी तबीयत खराब हो गई और वह बेहोश हो गई।

इसके बाद, आसपास के लोगों ने सूचना को परिजनों को दी। होश में लाने के लिए बहुत प्रयास करने के बावजूद, जब वह होश में नहीं आई, तो उसे डोली के सहारे सात किलोमीटर दूरी पर सड़क पर लाकर अस्पताल पहुंचाया गया।

सड़क बनने की घोषणा

तीन-तीन स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के गांव तक सड़क पहुंचाने की घोषणा दो बार की गई थी। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और वर्तमान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सड़क निर्माण की घोषणा की थी। हालांकि, इसके बावजूद सड़क नहीं बन पाई है। गांव वालों ने रोष जताया है। उन्होंने जल्द से जल्द सड़क निर्माण की मांग की है। अगर ऐसा नहीं होता है, तो ग्रामीणों ने आंदोलन की धमकी दी है।

खबर शेयर करें: