जनता की आवाज़उत्तराखंड

जनता की नज़र से: राशन Card, वोटर ID और स्मार्ट मीटर पर उठे सवाल

हमने हाल ही में अपनी कम्युनिटी में सवाल पूछा था – ‘उत्तराखंड में Digital services (राशन कार्ड, वोटर ID, बिजली बिल) सच में लोगों तक पहुँच पा रही हैं या सिर्फ कागज़ों में?’ इस पर एक नागरिक ने विस्तृत टिप्पणी करते हुए कई महत्वपूर्ण बातें रखीं।

Source: https://www.facebook.com/groups/246507193783919

उत्तराखंड में सरकार और विभाग लगातार डिजिटल सेवाओं को लोगों तक पहुँचाने का दावा करते हैं। लेकिन ज़मीनी हकीकत क्या है? हाल ही में हमारी PahadOne कम्युनिटी में आए एक नागरिक के विस्तृत कमेंट ने कई गंभीर सवाल खड़े किए हैं।

राशन कार्ड व्यवस्था पर सवाल

जनता का कहना है कि ज़्यादातर लाभ ऐसे लोगों तक पहुँच रहे हैं जो पहले से ही संपन्न हैं, जबकि असली हक़दार परिवार वंचित रह जाते हैं। सर्वे और वर्गीकरण (BPL, APL, अंत्योदय) में खामियां होने की वजह से ग़लत लोग अंत्योदय योजना का लाभ उठा रहे हैं।

वोटर आईडी और मतदाता सूची

वोटर आईडी को लेकर भी गंभीर समस्याएं सामने आई हैं। कई बार नाम मतदाता सूची में नहीं मिलता या बूथ बदल जाता है। कई नागरिकों को वोटर आईडी समय पर नहीं मिलती। जनता का सुझाव है कि इस काम के लिए अलग से प्रशिक्षित कर्मचारी नियुक्त हों ताकि त्रुटियां कम हों और विभागीय कार्यों पर असर न पड़े।

बिजली बिल और स्मार्ट मीटर

जनता का मानना है कि उत्तराखंड ऊर्जा प्रदेश कहलाने के बावजूद यहां बिजली सबसे महंगी दरों पर मिल रही है। स्मार्ट मीटर लगाने से कई जगहों पर अत्यधिक बिल आने की शिकायतें भी सामने आई हैं। लोग सवाल उठा रहे हैं कि जब पुराने डिजिटल मीटर ठीक काम कर रहे थे तो स्मार्ट मीटर की ज़रूरत क्यों?

जनता की मांग

लोग चाहते हैं कि:

  • राशन कार्ड का पारदर्शी सर्वे हो।
  • वोटर आईडी व्यवस्था में trained staff लगे।
  • बिजली दरें आर्थिक स्थिति के आधार पर तय हों।
  • स्मार्ट मीटर से जुड़ी शिकायतों की निष्पक्ष जांच हो।

आपका अनुभव क्या है? क्या आपने भी ऐसी दिक्कतों का सामना किया है? हमें कमेंट में ज़रूर बताएं। या कम्यूनिटी में अपनी राय साझा करें

खबर शेयर करें:

इस ख़बर पर आपकी क्या राय है?