अल्मोड़ा, उत्तराखंड 15 July 2025: अल्मोड़ा जिले में पंचायत चुनावों से पहले उन प्रत्याशियों की चिंता बढ़ गई है, जिन्होंने हाल ही में हुए शहरी निकाय चुनावों में हार का सामना करने के बाद अब ग्रामीण क्षेत्रों से अपनी किस्मत आजमाने का फैसला किया है। उन्हें हाईकोर्ट के संभावित फैसले और नामांकन रद्द होने का डर सता रहा है।

दरअसल, चुनाव आयोग की नियमावली के अनुसार, किसी भी प्रत्याशी का नाम एक से अधिक मतदाता सूची में दर्ज होने पर वह चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य हो जाता है। अल्मोड़ा नगर निगम, रानीखेत, द्वाराहाट और भिकियासैंण जैसे शहरी निकायों से चुनाव लड़ने वाले कई प्रत्याशियों ने हार के बाद पंचायत चुनावों को एक नए अवसर के रूप में देखा और ग्रामीण क्षेत्रों की मतदाता सूची में भी अपना नाम दर्ज करा लिया था। अब यही दोहरी प्रविष्टि उनके लिए मुसीबत बन गई है।
जिले भर में ऐसे 15 से अधिक प्रत्याशी बताए जा रहे हैं, जिन्होंने क्षेत्र पंचायत, जिला पंचायत और ग्राम प्रधान पदों के लिए टिकट तो ले लिया है, लेकिन नामांकन रद्द होने के डर से वे खुलकर प्रचार-प्रसार नहीं कर पा रहे हैं।
द्वाराहाट ब्लॉक की जिला पंचायत की रवाड़ी सीट से चुनाव लड़ रहे एक प्रत्याशी ने पहले नगर पंचायत का चुनाव लड़ा था। इसी ब्लॉक से पूर्व प्रमुख रही एक महिला प्रत्याशी ने भी नगर पंचायत का चुनाव लड़ने के बाद अब फिर से ब्लॉक प्रमुख के लिए दावेदारी पेश की है। इनके अलावा कांडे, घघलोड़ी समेत कई अन्य क्षेत्रों से पंचायत चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों के चेहरों पर भी समान चिंता साफ देखी जा रही है। इन सभी की निगाहें अब हाईकोर्ट के अंतिम फैसले पर टिकी हैं, जो उनके चुनावी भविष्य का निर्धारण करेगा।
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