चार लोगों ने विश्वास में एक रुपये नकद व डेढ़ करोड़ के चेक लेकर 25 बीघा जमीन की रजिस्ट्री एक युवक के नाम पर दी। चेक बैंक में लगते ही बाउंस हो गए। एनआइ एक्ट में यह मामला लंबित है। युवक अब रुपये देने से भी मुकर चुका है।
आप सोचेंगे कि महंगाई के इस दौर में एक रुपये में 25 बीघा जमीन कैसे बिक सकती है। यह मामला विशेष जांच प्रकोष्ठ सेल के पास पहुंचा है। प्रकरण के अनुसार चार लोगों ने विश्वास में एक रुपये नकद व डेढ़ करोड़ के चेक लेकर 25 बीघा जमीन की रजिस्ट्री एक युवक के नाम पर दी। चेक बैंक में लगते ही बाउंस हो गए। एनआइ एक्ट में यह मामला लंबित है। युवक अब रुपये देने से भी मुकर चुका है।
डीआइजी स्तर पर गठित विशेष जांच प्रकोष्ठ सेल के पास तल्ली बमोरी मुखानी निवासी चंद्रशेखर मौलखी, दिनेेश तिवारी, दीपक तिवारी व संजय कुमार नेगी की ओर से शिकायत पहुंची है। शिकायतकर्ताओं के अनुसार गुजरौड़ा चारधाम मंदिर के पास 19 बीघा जमीन तीन लोगों के नाम है और छह बीघा जमीन एक के नाम पर है। चारों लोगों का खेत नंबर एक ही है।फरवरी 2020 में उन्होंने 25 बीघा जमीन एक रुपये नकद व डेढ़ करोड़ के चेक लेकर मुखानी निवासी एक युवक के नाम पर रजिस्ट्री कर दी। तब युवक के द्वारा दिए गए चेक बैंक से बाउंस हो गए। कोर्ट के आदेश पर चेक बाउंस के मामले में 19 अप्रैल 2022 को एनआइ एक्ट में मुकदमा दर्ज हुआ। चारों लोगों ने विशेष जांच प्रकोष्ठ सेल से मदद की गुहार लगाई है। विशेष जांच प्रकोष्ठ के अधिकारी भी हैरान है कि एक रुपये नकद लेकर कैसे चारों ने जमीन की रजिस्ट्री दूसरे के नाम कर दी।
चारों लोगों का कहना है कि उनकी जमीन एक रुपये में दूसरे युवक के नाम हो गई है। उक्त युवक ने उस जमीन पर अब प्लाटिंग शुरू कर दी है। एनआइ एक्ट में मुकदमा दर्ज होने के बाद उसे गिरफ्तार नहीं किया जा रहा है।जमीन जाने का डर है तो यह करें दाखिल दाखिज के लिए आपत्ति लगाएं रजिस्ट्री रद करने के लिए वाद दायर करें जमीन की यथास्थिति के लिए स्टे ला सकते हैं चेक बाउंस का मामला होने पर एनआइ एक्ट में केस कराएं एनआइ एक्ट में एनबीडब्लू जारी होने पर जमानत के आसार नहीं होतेक्या है एनआई एक्टचेक बाउंस केस को निगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट यानी एनआई 1881 की धारा 138 द्वारा नियंत्रित किया जाता है। इसमें सबसे पहले जारीकर्ता को डिमांड नोटिस भेजा जाता है, उसके बाद लीगल नोटिस। यदि आपको एक चेक मिला है जो बाउंस हो गया है तो आपके पास दो विकल्प हैं। आप व्यक्ति को नोटिस भेज सकते हैं और फिर अगर 15 दिनों के बाद कोई प्रतिक्रिया नहीं होती है तो आप उन्हें अदालत में शिकायत दर्ज करके कानूनी नोटिस भेज सकते हैं।
डीआइजी डा. नीलेश आनंद भरणे ने बताया कि एक रुपये में जमीन की रजिस्ट्री होने का मामला मेरे संज्ञान में आया है। इस मामले में जितना सहयोग होगा वह किया जाएगा। हालांकि जमीन की रजिस्ट्री हो चुकी है।
सोर्स – दैनिक जागरण
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