वन विभाग शीघ्र ही अभियान चलाकर नदियों में बनी झुग्गियों को हटाएगा। इसके अलावा जलाशयों और पोखरों में किए गए अतिक्रमण को भी हटाया जाएगा।
वन भूमि पर अतिक्रमण हटाओ अभियान के तहत टास्क फोर्स ने उत्तराखंड में 2279 अतिक्रमण हटाए हैं। यहां बताया गया है कि इस अभियान के तहत सबसे ज्यादा अतिक्रमण देहरादून जिले में हटाए गए हैं 1415 , जहां सरकारी जमीन को कब्जा मुक्त किया गया है। इसके साथ ही हरिद्वार 259, पौड़ी 7, टिहरी 106, चमोली 47, ऊधमसिंहनगर 416, नैनीताल 19, अल्मोड़ा 4, पिथौरागढ़ 5 और बागेश्वर 1, जिलों में भी अतिक्रमण हटाया गया है। इस रिपोर्ट को 14 मई तक की जानकारी के आधार पर तैयार किया गया है और इसे शासन को भी भेज दिया गया है।
खनन के लिए नदियों में बनी झुग्गियों को भी हटाएगा वन विभाग
प्रदेश में वन क्षेत्रों में स्थित नदियों में खनन के दौरान मजदूरों को अब झुग्गियां बनाकर रहने की अनुमति नहीं होगी। उन्हें दिन में खनन का काम करके रात को स्थायी ठिकाने पर लौटना होगा। वन विभाग शीघ्र ही अभियान चलाकर नदियों में बनी झुग्गियों को हटाएगा। इसके साथ ही जलाशयों और पोखरों में हुए अतिक्रमण को भी हटाया जाएगा।
प्रदेश में वन भूमि पर किए गए अतिक्रमण के खिलाफ सरकार द्वारा कार्रवाई जारी है। इस अभियान के अंतर्गत, पहले अवैध रूप से बनाए गए धार्मिक स्थलों को चिह्नित करके हटाने का कार्य किया जा रहा था, लेकिन अब अभियान को आगे बढ़ाकर नदी क्षेत्रों के अतिक्रमण को भी हटाने का निर्णय लिया गया है। इसके तहत, सभी जलस्रोत, झीलें, तालाबों को कब्जा मुक्त कराने का काम किया जाएगा। इस कार्य में जिला प्रशासन की सहायता भी ली जाएगी। इस विषय में सरकार द्वारा आदेश जारी किए गए हैं। सरकार ने अवैध कब्जों को हटाने के लिए 10 सूत्रीय दिशानिर्देश तय किए हैं, साथ ही कार्रवाई का समय और अधिकारियों की जिम्मेदारियां निर्धारित की गई हैं।
नोडल अधिकारी डॉ. पराग मधुकर धकाते ने बताया कि वन अधिनियम के तहत किसी भी व्यक्ति को वन क्षेत्र में रात्रि नहीं बिताने की अनुमति होती है। इसलिए, वन क्षेत्रों में स्थित नदियों के किनारे काम करने वाले मजदूरों को रात्रि के समय बाहर निकाला जाएगा।
उन्हें दिनचर्या के बाद जब वे नदी क्षेत्र में खनन का काम करेंगे, उसके बाद रात्रि में वे अपने स्थायी ठिकाने पर लौटने होंगे। उन्होंने बताया कि अवैध रूप से बनाए गए धार्मिक अतिक्रमणों के खिलाफ कार्रवाई जारी है। अब तक, लगभग 350 मजारों और 35 मंदिरों को हटा दिया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि वन सीमा के पास स्थित अवैध अतिक्रमणों को भी हटाया जाएगा।
इन नदियों से हटाया जाएगा अतिक्रमण
गौला, शारदा, नंधौर, दाबका, कोसी, गंगा, मालन, कालसी, जमुना, टौंस, खो नदी, खुखरो, शीतला, आसन, रिस्पना, पोनधई, चोरखाला, स्वार्णना, जाखन, सहस्त्रधारा काली राव और मालदेवता बरसाती नाला आदि नदियां शामिल हैं।